-
किसान आंदोलन: सरकार की बातचीत निकली बेनतीजा- 3 दिसंबर को दोबारा बैठक
-
किसान और सरकार के बीच 3 घंटे की वार्ता हुई विफल- बातचीत बेनतीजा हुई साबित
कृषि कानून को लेकर जहां एक तरफ कृषि मंत्री ने किसानों से अपना प्रस्ताव देने की बात कही थी और यह भी कहा था कि उनके द्वारा उनकी मांगों के प्रस्ताव पर बैठकर हम चर्चा करेंगे इसी को लेकर आज विज्ञान भवन में 35 किसान नेताओं द्वारा तीन केंद्रीय मंत्री जिनमें कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने बैठक की, इस बैठक में पंजाब से क्रांतिकारी किसान यूनियन और किसान संघर्ष कमेटी के साथ आजद किसान संघर्ष कमेटी भारतीय किसान संघ के नेता शामिल हुए। जहा पर सरकार के बीच बातचीत से कोई बात नही बनी यह बैठक 3 घण्टे चली जो बेनतीजा साबित हुई कहा जा रहा है कि फिर से 3 दिसम्बर को किसानों के साथ बैठक होगी। वही कृषि मंत्रालय ने किसानों से कृषि कानून में सुधरों के मुद्दों की जानकारी मांगी है।
यह भी पढ़े:-किसान आंदोलन पर जताई ‘कनाडा के पीएम जस्टिन’ ने चिंता-भारत सरकार ने कहा गैर जरूरी बयान


प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों का भी यही कहना था कि अगर सरकार उनकी तीन मांगों को मान लेती है तो वह अपना प्रदर्शन खत्म कर सकते हैं। कृषि कानून में तीन चीजों को लेकर किसान सरकार के खिलाफ लामबंद है। जिसके मद्देनजर पंजाब हरियाणा सहित उत्तर प्रदेश और भी कई राज्यों से किसानों का लगातार दिल्ली आने का सिलसिला जारी है। किसानों को डर था कि इस कानून से बड़े व्यापारियों को फायदा मिलेगा और छोटे किसान का नुकसान होगा छोटी मंडियों को खत्म कर कर बड़ी मंडियों को बढ़ावा देने से भ्रष्टाचार और बड़े व्यापारियों का बोलबाला भी रहेगा इसी के साथ एमएसपी की प्रक्रिया बरकरार रखने को लेकर लिखित आश्वासन भी सरकार से किसान की मांग है।
यह भी पढ़े:-किसान आंदोलन में किसान की मौत-हमें उजाड़ कर प्रधानमंत्री वाराणसी में देव दिवाली मना रहे
जबकि एमएसपी पर सरकार का कहना था कि किसानों को भरमाया जा रहा है जबकि इससे किसानों का ही फायदा है। आज की बैठक मे कोई बात नही बनी तो वही किसानों ने इस बैठक को बेनतीजा बताया है। जबकि कृषि मंत्री ने वार्ता को अच्छी बताया है और कहा है कि परसो फिर यह लोग कानून से जुड़े मुद्दों को लेकर आयगे और फिर बात होगी। लेकिन अगर कहा जाय तो सरकार और प्रदर्शनकारियों मे गतिरोध जारी है। बैठक में सरकार ने एक कमेटी बनाने को भी कहा था जिसमें किसान के 5 सदस्य टीम की बात कही गई और जिसके जरिए जल्द से जल्द इस मामला को सुलझाने को कहा गया। लेकिन किसान इस पर राजी नहीं हुए अगर कहा जाए कि जो भी बैठक में बातचीत हुई है उसमें कोई भी नतीजा नहीं निकला है। बैठक में शामिल किसानों का कहना था कि सरकार चाहती है कि हम 5 किसान पूरे किसानों की समस्याओं पर बात करें तो यह मुमकिन नहीं है।