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हरियाणा के करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को करना पड़ा किसानों के विरोध का सामना
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किसानों ने मुख्यमंत्री के महापंचायत में पहुंचकर जमकर किया विरोध और तोड़ी कुर्सियां
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पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले और की लाठीचार्ज
जहां एक तरफ पूरे देश का किसान डटकर सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून का विरोध कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार भाजपा के द्वारा इस कानून के फायदे गिराए जा रहे हैं। इसी को लेते हुए जब हरियाणा के ‘मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर’ ने एक ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम का आयोजन किया और उसमें ‘कृषि कानून’ के फायदे गिनाने चाहे तो मौके पर हजारों की तादात में किसानों ने पहुंचकर उनका विरोध प्रदर्शन किया है।
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बताया जा रहा है कि किसानों के इस प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने बल का भी प्रयोग किया लेकिन किसानों ने मुख्यमंत्री के स्टेज पर पहुंचकर तोड़फोड़ की और अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। कई किसानों का कहना है कि लगातार तारीख पे तारीख दिए जा रहे हैं लेकिन कोई भी हल नहीं निकाल रहे उल्टा जिस कानून का लगातार वह लोग विरोध कर रहे हैं उस कृषि कानून को लेकर महापंचायत की जा रही है। जबकि कोई भी किसान इस कानून के पक्ष में नहीं है।
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इससे पहले साफ तौर पर किसानों ने भाजपा द्वारा आयोजित की जा रही इस महापंचायत का विरोध करने की पहले ही बात कह दी थी। उसके बावजूद भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल में किसान महापंचायत करके कृषि कानून के खूबियां गिना रहे थे। तो इसी दौरान हजारों की तादाद में किसानों ने कैमला गांव की तरफ कुच कर दी और उनको मुख्यमंत्री के किसान महापंचायत मे जाने से रोकने के लिए पुलिस ने उन पर वाटर कैनन के साथ आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी की है।
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कैमला गाँव की तरफ कूच कर रहे किसानों ने सरकार के खिलाफ काले झंडे दिखाए तो पुलिस ने उन को खदेड़ने के लिए बल का प्रयोग किया। जिसके बाद सभी किसान गांव की तरफ भाग गए वहीं कुछ किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हेलीपैड पर भी कब्जा कर लिया। यही नहीं किसान महापंचायत के लिए सजाए गए स्टेज पर भी पहुंच कर वहा पर रखे हुए कुर्सियों को तोड़ डाला। किसानों ने पहले ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत का विरोध करने की बात कही थी।
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किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज आंसू गैस के गोले वाटर कैनन इस्तेमाल करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ‘रणदीप सिंह सुरजेवाला’ ने निशाना साधते हुए ट्विटर के ऊपर एक ट्वीट किया है और उसमें कहा है कि शर्म कीजिए खट्टर साहेब। जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है? मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है। याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।काले क़ानून वापस लें।
शर्म कीजिए खट्टर साहेब।
जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है?
मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है।
याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।
काले क़ानून वापस लें। pic.twitter.com/SllwV6CjFy
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021
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हालांकि किसान महापंचायत में किसानों का विरोध प्रदर्शन देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कार्यक्रम में नहीं पहुंचे और उन्होंने अपने इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। लेकिन सवाल सबसे बड़ा खड़ा होता है जिस कृषि कानून के लिए लगातार सरकार किसानों के साथ बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ खुद उस कृषि कानून का फायदा गिराने के लिए महापंचायत करते हुए नजर आ रही है। जबकि जिसके लिए यह कानून बनाया गया है वह किसान इससे खुश नहीं है।