-
जब तक किसी कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसान के घर वापसी नहीं होगी कमेटी मंजूर नहीं
-
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में सरकार के ही लोग पहले भी कर चुके हैं कृषि कानून का समर्थन
-
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने नहीं जाएंगे किसान संगठन 26 जनवरी को करेंगे प्रदर्शन
जहां आज एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को देखते हुए फैसला सुनाया कि कृषि कानून को होल्ड किया जाए और जब तक उनका कोई दूसरा आदेश ना आए जब तक इस कानून को रद्द किया जाए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का भी गठन किया जिसमें 4 सदस्य होने की बात कही गई। जिस पर बताया गया कि यह कमेटी कोर्ट को किसान आंदोलन से संबंधित सभी बातों से दो महीने में अवगत कराएगी। जिसको लेकर किसानों ने साफ तौर पर कह दिया कि उनको यह कमेटी मंजूर नहीं है क्योंकि इसमें सरकार के ही आदमी है।
सुप्रीम कोर्ट-कृषि कानून पर रोक, बनी कमेटी- कृषि कानून का समर्थन करने वाले ही कमेटी में


इटावा-तीन सगी नाबालिक बहनों समेत चार लडकिया हुई गायब-पुलिस लगी ढूंढने में
किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोर्ट संज्ञान लेकर इस कृषि कानून को रद्द भी कर सकती थी। लेकिन उसने एक कमेटी का गठन कर दिया हम ऐसे कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे जिसमें खुद सरकार के आदमी हो। और अगर कोर्ट कमेटी के लोगों का नाम भी बदल देती है तो भी हम इस कमेटी के सामने नहीं पेश होंगे। हमारे आंदोलन को लेकर सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट गई थी जबकि हम लोग सुप्रीम कोर्ट नहीं गए। उसके बावजूद भी इस कमेटी का गठन किया गया है जबकि हमने किसी भी कमेटी की मांग नहीं की थी।
प्रियंका गांधी के जन्मदिन के अवसर पर राहुल गांधी ने भेजे 25 हजार कंबल सैकड़ो लोगों को गए बाटे
सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद किसान संगठन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी कहा कि सरकार उनके आंदोलन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। जबकि उनका संसद को घेरने की कोई योजना नहीं है। 26 जनवरी को वह लोग एक प्रोग्राम करेंगे जिसकी जानकारी 15 जनवरी को वह सभी को देंगे और यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा।
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी में जिन 4 लोगों के नाम हैं। वह लोग पहले भी कृषि कानून का समर्थन कर चुके हैं। जिसको लेकर किसानों ने साफ तौर पर कह दिया है कि वह इस कमेटी के सामने नहीं जाएंगे चाहे उनके सदस्यों का नाम भी क्यों ना बदल दिया जाए क्योंकि यह कमेटी सरकार की है।