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शौचालय बनवाने के लिये-70 साल की माँ को गोद में टाँगे बेटा पहुचा एसएसपी आफिस-लगाई गुहार
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70 साल की माँ को गोद मे उठाकर बेटा पहुचा एसएसपी आफिस-शौचालय के लिये लगाई गुहार
कानपुर नगर ओडीएफ घोषित हो चुके कानपूर में शौचालय के लिए सत्तर वर्षीय माँ को गोद में टाँगे एसएसपी आफिस के चक्कर लगा रहा बेटा ,पडोसी के विवाद में पुलिस नहीं बनने दे रही शौचालय ,वृद्ध माँ का दर्द सत्तर साल से खुले में जा रही हु शौचालय..
देश में स्वच्छ भारत के तहत गावो में सैकड़ो शौचालय बनाये जा चुके है। देश अधिकतर शहर ओडीएफ घोषित हो चुके है यानी उन शहरों में अब कोई भी खुले में शौच को नहीं जाता सबको शौचालय मिल चुके है। इन्ही शहरों में कानपूर महानगर भी शामिल है लेकिन क्या ओडीएफ घोषित कानपूर में अब सचमुच कोई खुले में शौच को नहीं जाता ये हकीकत आज कानपूर में खुलकर तब सामने आ गई जब एक 70 साल की माँ को गोद टाँगे टाँगे एक बेटा एसएसपी आफिस में ये फ़रियाद करता नजर आया की मेरी माँ के लिए शौचालय बनवा दीजिये पुलिस शौचालय नहीं बनने दे रही है।
शौचालय बनवाने के लिये लड़खड़ाते पैर हाथों में 70 वर्ष बुजुर्ग मां को टांगे एसएसपी ऑफिस आते राजेश सिंह पीछे पीछे एप्लीकेशन लेकर आती उनकी पत्नी यह हकीकत है ओडीएफ घोषित हो चुके कानपुर की, 70 वर्षीय सुंदर देवी एसएसपी के पास कोई मारपीट की रिपोर्ट लिखाने नहीं आई है बल्कि वह फरियाद करने आई है कि साहब मैं बहुत बूढ़ी हूं मेरे हाथ कांपते हैं पैर सीधे नहीं होते फिर भी मेरा बेटा टांग कर मुझे खुले में शौचालय कराने खेत पर ले जाता है।क्योंकि आपकी पुलिस मेरा शौचालय नहीं बनने दे रही है।
व्रद्ध माँ ने कहा कि मेरा बेटा जब शौचालय बनाता है तो पड़ोसी शिकायत कर देते हैं कि गलत शौचालय बन रहा है। पड़ोसी पुलिस का ख़ास है पुलिस आकर रोक देती है। वही बूढ़ी माँ का बेटा राजेश सिंह इसी तरह पिछले नौ महीने से डीएम से लेकर पुलिस के चक्कर लगा रहे है। लेकिन पुलिस है कि कहती है समझौता कर लो हैरानी तो ये है कि ये शैचालय भी वो अपने पैसे से बनवा रहे है। अफ़सोस तो ये भी है देश के हर कोने में शौचालय भले सरकार ने बनवा दिए हो लेकिन सुन्दर देवी ने तो आज तक शौचालय में शौच करने नहीं गई।
वही बूढ़ी माँ के बेटे का कहना है कि हम यहां शौचालय के लिए आए हैं मां को टांग के लाए हैं पड़ोसी शौचालय नहीं बनने दे रहे हैं। हम अपनी जमीन पर शौचालय बना रहे हैं लेकिन जब पुलिस के पास शिकायत करते हैं तो कहती समझौता करो वह शौचालय रुकवा देती है। वही बुजुर्ग माँ सुंदर देवी का कहना है कि वोह शुरू से खेतों में शौच के लिये जाते हैं। बेटा टांग कर खेतों में इटो पर बैठता है क्या करें बड़ी परेशानी है। शौचालय का गड्ढा खुदा है लेकिन पड़ोसी बनने नही दे रहे है।
राजेश सिंह बिधनू के कठारा गांव में रहते हैं राजेश का कहना है हमने गांव में प्रधान से लेकर डीएम तक 20 बार सरकारी शौचालय बनाने के लिए फार्म भरा लेकिन कोई नंबर नहीं आया तो अपने पैसे से घर में शौचालय बनाना शुरू किया। गड्ढा खोदा तो पुलिस आ गई बोली गलत शौचालय बना रहे हो समझौता कर लो। कायदे से सुंदर देवी को शौचालय प्रशासन की तरफ से मिलना चाहिए था लेकिन शौचालय की उजली किरण इस घर तक नहीं पहुंची फिर भी कानपुर ओडीएफ घोषित है। आज एसएसपी ने इनकी परेशानी सुनकर तुरंत विधनू थाने को निर्देश दिया कि शौचालय बनवाने में पुलिस कोई रुकावट ना डालें। मौके पर जाकर जांच करें विरोध करने वाले अगर गलत है उन पर कार्रवाई करें पुलिस को किसी का शौचालय रोकने का कोई हक नहीं है।
वही प्रतिविंदर सिंह एसएसपी कानपूर ने इस पूरे
मामले पर कहा कि आज एक वृद्ध महिला को लेकर एक व्यक्ति आया था उनकी शौचालय को लेकर समस्या थी। इसमें थानेदार को निर्देश दिया है शौचालय बनवाने में पुलिस कोई रुकावट ना डालें मौके पर जाकर जांच करें। विरोध करने वाले अगर गलत है उन पर कार्रवाई करें। पुलिस को किसी का शौचालय रोकने का कोई हक नहीं अगर पडोसी गलत रुकावट डाल रहे है तो उन पर कार्यवाही करे।
बात सिर्फ सत्तर वर्षीय सुन्दर देवी की नहीं बात हमारे प्रशासन तंत्र और व्यवस्था की है आखिर जब बड़े बड़े जिले ओडीएफ है तो शौचालयों के लिए खर्च हुए करोङो अरबो रुपये की ज्योति की रोशनी आखिर इन महिलाओ तक क्यों नहीं पहुंची आखिर जिम्मेदारों ने भी तो कोई जांच की होगी और सवाल ये भी है क्या अब पुलिस इस वृद्धा का शैचालय बनने देगी या फिर दर दर की ठोकर बुजुर्ग माँ और बेटे को खानी पड़ेगी।